होल्डिंग कंपनी बन रही है Reliance Industries | Reliance Industries is becoming a holding company
ऑयल से लेकर टेलीकॉम रिटेल और कई तरह से जरुरी Reliance Industries को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। Reliance Industries एक बड़ी होल्डिंग कंपनी बन सकती है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं:
तो हम बात कर रहे थे देश के सबसे मूल्यवान कंपनी Reliance Industries को एक सालो में होल्डिंग कंपनी बनाने को लेकर, दरसल फिच ग्रुप के यूनिट क्रेडिट साइट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रिलेंस इंडस्ट्री एक हिल्डिंग कंपनी बन सकती है, इसके तहत बड़ा कारोबार को संभल रही इंडिपेंडेंट इकाइयो में इसका मेसर्टी स्टैक होगा, ये कुछ ऐसा ही होगा कि जैसे टाटा संस ग्रुप के सभी कंपनियो को कंट्रोल करती है।
Reliance Industries में उतराधिकार शीर्ष योजना से जारी रिपोर्ट में इसको लेकर चर्चा की गई है। रिपोर्ट को जानने से पहले होल्डिंग कंपनी किसे कहते हैं इसे भी जान लेते हैं। होल्डिंग कंपनी होल्डिन कंपनी दूसरी लिस्टेड और नॉन लिस्टेड कंपनी के शेयर रखती है यानी उसमें निवेश करती है, जितनी भी कंपनी में इसका निवेश होता है हर कंपनी के कारोबार का असर होल्डिंग कंपनी पर होता है, निवेक कंपनी को अंडरलाइन कंपनी कहते हैं।
कंपनी की कमाई अंडर लाइन कंपोनियो से डिवेडेंट या इंट्रेस्ट इनकम के रूप में होती है यही वजह है कि अंडर लाइन कंपोनियो के स्टॉक होल्डिंग कंपनी के यही वजह है कि अंडरलाइन कंपनी के स्टॉक्स होल्डिंग कंपनी के वैल्यूएशन के मुकेबल डिस्काउंट पर ट्रेड करते हैं,ये डिस्काउंट 50 से 80% के बीच होता है।
Mukesh Ambani अपने बच्चों को कमान सौंप रहे हैं
बता दें की Reliance Industries ने उतराधिकार योजना को हाल ही में आगे बढ़ाया है, चेयरमैन Mukesh Ambani अपने बच्चों आकाश, ईशा, अनंत अंबानी को धीरे-धीरे बिजनेस की कमान सौंप रहे हैं हाला की कंपनी के चेयरमैन और सीईओ Mukesh Ambani अगले 5 वर्षों तक अपने पद पर कर्तव्य का निर्वाहन करते रहेंगे | ऐसे में मुकेश अंबानी ने अपने करो बार कोअगले पीढी को सौपने फैसला किया है, उससे लग रहा है अगले 5 साल में प्रमोटर शेयर होल्डिंग पूरी तरह से बदल सकता है।
दरसल कई निवेशक के एक ही कर्ता धर्ता के होने से जोखिमो के लेकर चिंता है, ऐसे मे रिपोर्ट में Credit Suite ने कहा है कि उनका मानना है कि Mukesh Ambani का उतराधिकार योजना आगे बढ़ेगी वही AGM में भी रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन ने भी अपने बच्चों के करोबार और उनके लक्ष्य को अलग से दर्शाते हुए इस बात का संकेत दे दिया गया है कि कौन किस तरह की कंपनी संभालेगा इसी को लेकर कहा गया है कि अंबानी के तीनो बच्चे Reliance Industries के प्रमुख नेतृत्व वाले पद उन्हें दिए गए हैं।
किस सेक्टर का प्रमुख कौन बनेगा
आकाश को टेलिकॉम का प्रमुख, ईशा को रिटेल का प्रमुख और अनंत को नई ऊर्जा का प्रमुख बनाये जाने की घोषणा की गई। इसी को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह के क्लियर डिवीजन से भाई बहनो के किसी भी बिवाद से बच्चा जा सकता है। Credit Suite के मुताबिक उत्तराधिकार यानि सक्सेसन की जो योजना बनाई गई है उसमें ऐसा नहीं है कि अंबानी अचानक से ग्रुप से बाहर हो जाएं तो कंपनी का ऑपरेशन और करोबार पर असर पड़ता है।
सक्सेस प्लान में अगली पीढ़ी को तैयार करना और गाइड करना शामिल है, साइट का मानना है कि आगे एक पूरी तरह से एक होल्डिंग में कंपनी बदल सकती है, इसके तहत उसका एक स्वतंत्र इकाई में मेसुरिटी में स्टैक होगा जो प्रमुख करोबार का संचालन करता है। Credit Suite के अनुसार Reliance Industries के होल्डिंग कंपनी बनाने के फायदे के साथ-साथ नुक्सान भी है।
रिपोर्ट के अनुसार इस तरह के डिवीजन हर यूनिट की संपत्ति और cashflow के बीच का अंतर साफ है। साथ ही संबंधित पार्टी अपने पोर्टल का पूरा तरह से इस्तेमाल कर सकेगा, फाइनेंसिंग के ज्यादा विकल्प उपलब्ध होंगे, और बेहतर तरीके से कैपिटल अलोकेशन के साथ ही मॉनिटरिंग सिस्टम मजबूत होगी।
हर लिस्टेड यूनिट के अपने शेयर होल्डर और डायरैक्टर के सयाद बोर्ड भी होंगे, रिपोर्ट के अनुसर अंबानी के व्यक्तिगत कारोबार का बैगडोर बच्चों को सौपने
के बाद रिल एक परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी बन सकती है, यानी संभावित व्यवस्था में ये हो सकता है कि ये एक ट्रस्ट बनाया जाए, इस ट्रस्ट के स्वामित्व नेतृत्व अंबानी के तीनो भाई बहन परिवार के सदया के संयुक्त रूप से किया जाएगा। Reliance Industries का प्रबंधन एक पेशावर प्रबंधन टीम करती रहेगी ये अनुमान लगाया जा रहा है।
होल्डिंग कंपनी के नुक्सानों की बात करे तो स्ट्रक्चर में Reliance Industries और उसके डेड बॉन्ड स्ट्रक्चरली ओपरेटिंग किसी भी सहायक कंपोनियो पर लिए गए डेप के अधीन हो जाएंगे, रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी अपने कर्ज चुकाने के लिए डिविडेंड ऑस्ट्रमिंग पर निर्भर हो जाएगी, ये दूसरी कॉम्प्लीकेशन भी ला सकता है इसके साथ इस ग्रुप्स का भविष्य भी ज्यादा कॉम्प्लीटेड हो जाएगा और ऑप्सनल एनटीटी के करण पब्लिक शेयर होल्डर का लिकेज बढ़ जाएगा जिसका रिजल्ट ये होगा कि Reliance Industries के डाइवेडेंट इनकम में भी कमी आ जाएगी।
इसके अलावा अगर बिजनेस एनटीटी सूचीबद्ध है और सैडो लोन ऑपरेटिंग यूनिट के टूर पर काम करती है तो इंटर कंपनी लैंडिंग साहित रिलेटेड पार्टी लेन देन पर संदेश बढ़ा सकता है। बता दे कि मुकेश अंबानी ने अपनी उत्तराधिकार योजना का सबसे पहले 2022 में घोषना किया था, उन्होन घोषना की थी कि उनके तीन बेटे अलग-अलग इकाइयो के प्रमुख होंगे।
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