Adani Group’s Big Revelation In Coal Business 2023 | अडानी ग्रुप का कोयला के कारोबार में बड़ा खुलासा
इस साल के सुरुआत में गौतम अडानी के मस्किले थमती हुई नहीं दिख रही है। हिंडनबर्ग ने 24 जून को अपनी रिपोर्ट में जो अरोप अडानी पर लगाया उनसे ग्रुप अभी तक पूरी तरह से उबर नहीं पाया है। अब अदानी ग्रुप एक और मसले में घिरता हुआ दिखा रहा है। ये मामला तो थोड़ा पुराना है लेकिन हाल में ये फिर से सुर्ख़ियो में आ गया है। और ये आफत अडानी पर बहुत भारी पड़ सकती है।
तो चलिए बताते हैं आपको पूरी खबर और जनाने की कोशिश करते हैं कि कैसे अडानी ग्रुप के लिये ये एक कैसे बड़ा सिरदर्द साबित हो सकते हैं।
कोयला के कारोबार में Adani Group का ये मामला
Adani Group’s Big Revelation In Coal Business : असल में गौतम अडानी अब कोयले में घिरते नजर आ रहे हैं। मतलब अडानी का नया मामला अब कोयले से जुरा हुआ है, और इसी 10 अक्टूबर को सुप्रीमकोर्ट में इंडोनेशिया से कोयले के आयात से जुरा ये मामला सुनवाई के लिए आया था। ये मामला इम्पोर्टेड कोयले की ओवर इनवॉयसिंग से जुरा हुआ है।तो इस मामले में हुआ यू कि 10 अक्टूबर को सुप्रिम कॉर्ट में अदानी मामले को सुनने के लिए
हैदराबाद के एक करोबारी के ड्यूटी फ्री गोल्ड की तस्करी के एक मामले के साथ क्लब कर दिया। अब इन ममलो को एक साथ सुनवाई की जाएगी। यहां से ही अदानी कोयला कांड के खुलासे में आ गया है। अब सोच रहे होंगे कि कोयला ये अडानी का मामला आख़िर है क्या? तो चलिए विस्तार से ये सब आपको समझते हैं कि ये मामला क्या है।

मामला है इंपोर्टेड कोयले की ओवर इनवॉयसिंग का यानी जिस दाम में कोयले को खरीदा गया उससे ज्यादा दाम कागज में दिखाया गया ये आरोप है। तो इस मामले की जांच कर रही है DRI यानी राजस्व खुफिया विभाग। इंडोनेशिया से इंपोर्ट की गई कोयला की ओवर इनवॉइसिंग में जांच के घेरे में अदानी ग्रुप के कंपनियों के अलावा 40 और कंपनियां भी इस जांच में शामिल है।
कोयला आयात का मामला 2011 से 2015 तक के बिच के है, ये पूरा मामला 29000 करोड़ रुपये का है। अदानी ग्रुप के 6 कंपनी इस कोयले मामले से जुड़ी हुई है। इनमें अडानी इंटर प्राइजेज और अडानी पावर का नाम भी शामिल है। हालांकी Adani Group में किसी भी तरह से गरबरी से इंकार कर दिया है।
DRI के जांच में अडानी ग्रुप फंस गया
तो हुआ यू कि इस मामले में 2016 में डीआरआई ने अपनी फील्ड अधिकारी को एक चेतावनी जारी की, जिसमें आयातित कोयले के भाव को बढ़ा चढ़ा के देखने की बात कही गई थी, इसके जरीये पैसे को बाहर भेजना और महंगे आयातित कोयले को दिखाके ऊँचे पावर्ड टैरिफ हासिल करना था

हालांकी कोयला इंडोनेशिया से सीधे भारतीय बंदरगाहों पर आ रहा था, लेकिन सप्लायरो की इनवॉइस सिंगापुर, दुबई, हांगकांग, ब्रिटिश वर्सन आईलैंड जैसे जगहो पर मौजुद इंटर मेडेरिट के जरीये भेजी जा रही थी, इस तरह से इस कोल की किमतो को ऊंचा दिखाया जा रहा था. DRI ने इन इंटर मेडेरिट को भारतीय आयात को सब्सिडी बताई।
डीआरआई का कहना था कि इस मामले में जांच से पता चला है कि कोयल कि किमतो को 50% से 100% तक ज्यादा दिखाया गाया। इसके बाद DRI ने अडानी ग्रुप के खिलाफ केस किया। नवंबर 2019 में डीआरआई ने सुप्रिम कोर्ट का रुख किया। इसकी वजह ये रही कि बॉम्बे हाई कोर्ट से इस मामले के खिलाफ फैसला आया था। चार साल में ये मामला चार दफा सुनवई के लिए आ चूका है।
और इसमे अभी तक। और इसमे अभी तक शुआत धांग से नहीं हो पाई है। सुप्रिम कोर्ट के Adani Group के मामले और सोने की तस्करी के मामले को सुलझाने और आगे चलकर सुनवाई करने को लेकर इस बात का चर्चा आगे बढ़ता दिख रहा है । अगर यहां से अदानी ग्रुप के लिए फैसला नकारात्मक है तो ये गौतम अडानी के लिए एक बड़ा झटका होगा।
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