Big Boost In Biofuel Production 2023 | जैव ईंधन उत्पाद में बड़ा तेजी

Contents hide
1 Big Boost In Biofuel Production 2023 | जैव ईंधन उत्पाद में बड़ा तेजी

Big Boost In Biofuel Production 2023 | जैव ईंधन उत्पाद में बड़ा तेजी

जैसे कि आप सब जानते हैं हाल ही में जी20 समिट का समापन हो चुका है, इसमें कोई बैठक का दौर चला पीएम मोदी की सलाह में पहले सत्र की शुरुआत भी हुई और इसका समापन भी हो गया है।इस दौरन पीएम मोदी ने दुनिया के सामने कुछ अहम् सुझाव भी रखे उनहोंने कहा कि समय की मांग है कि सभी देश फ़्यूलब्लाइंडिंग के छेत्र में साथ मिलकर काम करें,
हमारा परिचय है कि पेट्रोल में एथेनॉल ब्लैंडिंग को ग्लोबल एस्टर पर 20% तक ले जाने की पहल ली जाए या फिर ग्लोबल ब्लैंडिंग मिक्स निकालने पर काम करें .इसे ऊर्जा आपूर्ति तो बनी ही रहे और साथ ही क्लाइमेट भी सुरक्षित रहे .इस संदर्भ में पीएम मोदी ने ग्लोबल ब्योफ्यूल्स एलायंस लोन्च किया। वन अर्थ पर जी20 शिखर सम्मेलन सत्र में पीएम मोदी जलवायु परिवर्तन और औलोकन जी20 सैटेलाइट लोन्च करने का प्रस्ताव रक्खा है,
और नेताओ से भी ग्रीन क्रेडिट पहल पर काम शुरू करने की आग्रह की है, मोदी ने कहा बैकल्पिक रूप से हम वैश्विक भलाई के लिए हम एक और फ़्यूल ब्लैंडिंग डेवलोप पर काम कर रहे हैं, जो फिक्सड एनर्जी सप्लाई सुनिश्चित के साथ साथ क्लीमटे सुरक्षा में भी योगदान मिले । अब आप सोच रहे होंगे कि इससे हमारा क्या फ़ायदा होगा अगर आप शेयर बाजार में ट्रेड करते हैं तो कोन शेयर में इस खबर से फैदा हो सकता है ,

बायोफ्यूल का ये शेयर अब हो जाएंगे रॉकेट : These shares of biofuel will now become rockets

श्री रेणुका शुगर, बजाज हिंदुस्तान शुगर्स, AID पैरी, धामपुर शुगर मिल्स, द्वारिकेश शुगर इंडस्ट्री, डालमिया भारत शुगर इंडस्ट्री, ग्लोबल्स स्प्रिट्स, त्रिवेणी इंजीनियरिंग, इन सब शेयरो का भविष्य उज्वल रहने की उम्मीद है।ग्लोबल बायो फ्यूल्स बनाने का उड्डेस्या टिकाउ ब्योफ्यूल्स के इस्तेमल को बढ़ाना है, साथ ही इस्का मकसद ग्लोबल ब्योफ्यूल्स को सुविधाजनक बनाना, तकनिकी सहायता प्रदान करने पर जोर देना है,

Big Boost In Biofuel Production 2023
Big Boost In Biofuel Production 2023

अब आपके दिमाग में ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि बायो फ्यूल्स क्या चीज है, तो चलिए इस सवाल का भी जवाब देते हैं, बायोफ्यूल पेड पौधे, अनाज, शैवाल, भूसी के वेस्ट से बनने वाला इंधन है। बायोफ्यूल को कई तरह के बायो मास से निकला जाता है, इसमे कार्बन की कम मात्रा होती है, इसका इस्तेमल बढेगा तो दुनिया भर में पारंपरिक ईंधन पर निर्भर कम होगा और पर्यावरण में प्रदूषण कम होगा।

पहली बार जैव ईंधन का उपयोग कब हुआ था :When was biofuel used for the first time

पहली बार बायोफ्यूल का कब इस्तेमाल हुआ ये रोचक जानकारी भी जान लीजिये। पहली बार साल 1890 में रुडोल्फ डेसेल ने खेती के लिए इंजिन चलाने के लिए वेजिटेबल ऑयल का इस्तेमाल किया था .अब कैसे तैयार होता है बायोफ्यूल , ये भी जान लीजिये। बायोफ्यूल बनाने के लिए अलग तरह की रिफाइनरी का उपयोग किया जाता है। इसको फसलो के भंडारन के आधार पर श्रेणीबद्ध की जाती है।

Big Boost In Biofuel Production 2023
Big Boost In Biofuel Production 2023

पहली पीढ़ी के बायोफ्यूल खाद फसलो के भंडारन पर निर्भर करता है, पहली पीढ़ी में गन्ने की फसल और ग्रीन स्टैच को प्रॉसेस किया जाता है, जबकी दूसरी पीढ़ी के बायोफ्यूल को डेवलप बायोफ्यूल के तौर पर जाना जाता है, इसमे प्रोसीज़ नॉन एडिबल प्लैट्स ओड बायो बायोमास या भुसी में होता है। तीसरी फ़्यूल biyomaselgi aur microp से बनाया जाता है, चौथी पीढ़ी बायोफ्यूल कार्बनडायोसाइड अवशोषी करने वाले पदार्थ पर निर्भर करता है।

सबसे ज्यादा इन देसो ने बनाया बायोफ्यूल : These countries produced the most biofuel

Big Boost In Biofuel Production 2023 : सबसे ज्यादा कहा बनता है बायोफ्यूल ये भी जान लीजिए, साल 2022 में सबसे ज्यादा बायोफ्यूल बनाने वाला देश अमेरिका और ब्राजील है, अमेरिका ने 57.5 अरब लीटर तो ब्राजील ने 35.6 अरब लीटर एथोनोल बनाया था जबकी बायोडीजल बनाने में यूरोप सबसे आगे रहा है, वाहा 17.7 अरब लीटर बायोडीजल का उत्पादन हुआ है उसके बाद अमेरिका और इंडोनेशिया दूसरे नंबर पर आता है।

और पढ़ें:

Vedanta’s demerger makes investors rich : वेदांता का डीमर्जर से निवेशक मालामाल