Big Trouble For Johnson And Johnson 2023 | J&J पर बड़ी मुसीबत हो जाएगी दिवालीया के शिकार
फार्मा प्रोडक्ट से ले कर मेडिकल टेक्नोलॉजी तक हेल्थकेयर सेक्टर में दुनिया का एक बड़ा नाम हम हैं जॉनसन एंड जॉनसन। इस वक्त सबसे बड़ी आफत का सामना कर रही है ये कंपनी। मामला बैंक करप्सी और कानून मुकादमों का है। तो बता दें आपको कि यह दिग्गज अमीरिकी कंपनी J&J के लिए ऐसी मुश्किल हालात कैसे और क्यों बन गई।
J&J market cap | J&J कंपनी का बाजार मूल्यांकन
कंपनी का करोबार 60 देशो में फैला है, और इसमे 1.25 लाख से ज्यादा इम्पोलॉयेस है। USE की J&J की मार्केट वैल्यू सुनकर आप चौंक जाएंगे। इस कंपनी का मार्केट वैल्यू है 365 अरब डॉलर, रुपये में भी बता दे आपको ये कंपनी है 30 लाख 30 हजार करोड़ के करीब वैल्यू वाली। अंदाज़ा ऐसा लगा लीजिए कि भारत की सबसे बड़ी कंपनी मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्री की मार्केट कैप 15 लाख रुपये के करीब है।

J&J का मार्केट कैप रिलायंस इंडस्ट्री के मार्केट कैप के मुकाबले डब्बल है, लेकिन आप पूछेंगे कि J&J की कहानी को क्यों सुना रहा है? और इसका मार्केट कैप मुकेश अंबानी के रिलायंस इंडस्ट्री से मुकाबला क्यों कर रहे हैं?
J&J कंपनी कानूनी मुकादमों से जूझ रही है
असल में इसके पीछे एक बड़ी खबर है जिसके बारे में बात आज हम कर रहे हैं। असल में मामला है ये खबर है बैंक करप्सी और दिवालियापन का।J&J दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई है। कंपनी हजारो की तादत में कानूनी मुकादमों से जूझ रही है और इसके चलते कम्पनी पर भरी देनदारी बन रही है । J&J के talk based बेबी पाउडर को कैंसर पैदा करने वाला बताया गया है। इसको लेकर अमेरिका में हज़ारो की तादात में क़ानूनी मुक़दमे दायर किये गये हैं।

ये मुक़दमे आम लोगो ने दायर किया है। हाल में ही इस तरह के मुकादमों में 28% की इज़ाफा हो गया है। कंपनी खिलाफ़ 11000 से ज़्यादा मुक़दमे दायर किये गये हैं। और इससे निपटने के लिए जे एंड जे को तगरे मुवावजे देने पर हैं। इसके वजह से कंपनी दीवालिया होने की कगार पर पहुंच गई है। इतना समझ लीजिए कि J&J ने 40 हजार से ज्यादा talk मुकदमे सुलझाने के लिए करीब 9 अरब डॉलर लगाने का फैसला किया है।
और इसकी कंपनी ने अपनी LTL मैनेजमेंट यूनिट को दीवालिया करने की घोषणा की है। इस यूनिट का गठबंधन बेबी पौडर में जहरिली तत्व और कथित अरोपो और दवो से निपटने के लिए किया गया था, लेकिन कंपनी का दीवालिया होने का आवेदन कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जुलाई में न्यू जर्सी बैंक करप्सी कोर्ट ने अपने फैसले में बैंक करप्सी केसे को खारिज कर दिया था। कंपनी को अब इन मामलों को मुआवजा देकर निपटना पर सकता है।
J&J कंपनी कानूनी मुकादमों से बैंकक्राफ्ट होने के कगार पर
कंपनी पर talkलॉसूट के चलते पैदा हुई लाइबिलिटीज, कंपनी के कैस रिसर्व के मुकाबले कहीं ज्यादा बैठ रही है। ऐसे में कंपनी कई तरह के विकल्प पर काम कर रही है। इसमे क्लैम को सेटल करने के लिए बैंक करप्सी फ़ाइल करना भी शामिल है। तिसरी तिमाही के अर्निंग्स कॉल में कंपनी के मुकदमेबाजी के vice president एरिक हॉस ने तमाम विकल्पों के बारे में बताया। इसमें एलटीएल की दिवालियापन फाइलिंग भी शामिल है।

कंपनी इसे लेकर USE सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की बात की है। यानी की कंपनी J&J अपनी यूनिट को दिवालिया घोसित करवाकर इन लम्बे चौरे दावो को सैटल करने की कोशिश कर रही है। जे एंड जे बार-बार ये बात दोहरा चुकी है कि टैलकॉम पाउडर असुरक्षित नहीं है, और इसपर कैंस कैंसर पैदा करने की आरोप बेबुनियाद है। इस कंपनी के मुकदमों का असर कंपनी के शेयर होल्डर पर भी पड़ रहा है।
इस साल अब तक J&J का स्टॉक 15% तक टूट चुका है। क्लैम्स में इजाफा जे एंड जे के इस मामले की समाधान को और पेचीदा बनते जा रहा है। कंपनी बीते 1 दशक से इन मुकदमों का सामना कर रही है। कंपनी पर आरोप है कि उनके टॉक बेस्ड पाउडर से कैंसर होता है। और इस कैंसर का कारण इसमे एस्बेस्टन का होना है।
कुल मिलाके इस कंपनी के लिए ना सिर्फ इन मुकदमों से निपटना मुश्किल है बल्कि उसके लिए इन मुआवजो को दे पाना भी आसान नहीं होगा। ऐसे में कंपनी अपनी पूरी ताकत से एलटीएल के बैंकक्राफ्ट होने पर दाव लगा रही है। अब देखना ये होगा कि कंपनी में कितनी सफल हो रही है। इस तरह की खबर से अपडेट रहने के लिए देखते रहें investingzilla.com :