100 अरब डॉलर का निवेश भारत में करने जा रहा है सऊदी अरब | Saudi Arab Big Investment In India 2023

100 अरब डॉलर का निवेश भारत में करने जा रहा है सऊदी अरब | Saudi Arab Big Investment In India

जी20 शिखर सम्मेलन में हिसा लेने के बाद भारत और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच सोमवार के दिन एक बैठक में द्विपक्षिय वार्ता हुए इस दौरन दोनों देश के बीच काई महतवापूर्ण करार हुए, सऊदी अरब और भारत दोनों देशो ने इस बात पर सहमति जताई है कि 100 अरब डॉलर के निवेश को तेजी से आगे बढ़ाया जाए वही इस मुलाकात से यही अनुमान है कि काई भारतीय कम्पनियों में फंडिंग के रास्ते भी खुलेंगे और इसके लिए बात चिट का दौर भी जारी है।

सऊदी अरब भारत में इस सेक्टर में भारी निवेश करना जा रहा है

सऊदी अरब भारत में 100 अरब डॉलर निवेश करना चाहता है, इसमे विशाल रिफाइनरी भी शामिल है। यहीं नहीं भारत और सऊदी अरब ऊर्जा से लेकर रक्षा तक के छेत्र में सहयोग बढ़ेगा, दोनों देशो के बीच हुए एनर्जी सेक्टर करार से सेक्टर में डीजिटल इंफ्रा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बधावा दिया जाएगा। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर कहा, कि सऊदी अरब के साथ ग्रेट कनेक्टिविटी रिन्यूएबल एनर्जी खाद्या ऊर्जा यानि कि फूड सिक्योरिटी, सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में सहयोग को लेकर अपार संभावनाएं हैं।

PIF सॉवरन वेल्थ फंड भी भारत के इस कंपनी में भारी निवेश करेगा

सऊदी प्रिंस मोहम्मदबिन सलमान के इस राजकीय यात्रा के बाद सऊदी अरब के PFI सोवरन वेल्थ फंड से भारत के कंपनियों के फंडिंग में तेजी की उम्मीद जताई जा रही है। आपको बता दें कि ये फंड विश्व के सात बड़े वेल्थ फंड में से एक है, और सऊदी के जरिये निवेश का मुख्य माध्यम है। ऊर्जा के मांग बढ़ने और तेल के वैश्विक मूल्य में तेजी के कारण सार्वजनिक निवेश फंड बढ़ा है और इसे सऊदी को राजस्व बढ़ाने में मदद मिली है, भारत के मामले में सऊदी अरब खासकर इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अपना निवेश बढ़ाना चाहता है, जिसमें रियलस्टेट शामिल है।

इसी प्लानिंग के कंसल्टेंसी फॉर्म के लिए Bain & Company से संपर्क किया गया है। बिजनेस स्टैंडराड रिपोर्ट में बताया गया है कि PIF ने पिछले साल में कहा था कि भारत में अगले तीन साल में 4 अरब डॉलर से ज्यादा निवेश करना चाहता है, PIF सऊदी अरब में 40 लाख टन सलाना के छमता वाले प्रस्तोविक 4.5अरब डॉलर इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट में शेयर लेने के लिए भारतीय बहुराष्ट्रीय समूह एस्सार ग्रुप के साथ आरंभिक प्रयास कर रहा है।

यह रणनीतिक परियोजना है जिसके कच्च माल के लिए पहले ही समझौता हो चुका है, इसकी सरकार समर्थ सऊदी औद्योगिक विकास निधि के जरिये जांच अंतिम चरण में है।

एक बार इसे मंजूरी मिल जाने के बाद फण्ड दूसरे परियोजनाओं को भी कम ब्याज दरों पर भी लॉन्ग टर्म फण्ड प्रोवाइड कराएगा, दअरसल पी आई एफ भारत में निवेश को लेकर अब तक पश्चिम एशिया या दक्षिण पूर्व एशिया सोवेरन वेल्थ फंड जसे की अबुधाबी निवेश प्राधिकरण अमीरात सरकार के मोवडाला और सिंगापुर सरकार के जीआईसी के तुलना में कम अक्रमक था। PIF का AUM 700 अरब डॉलर है और सऊदी अरब के राजकुमार इसके अध्यक्ष हैं, पश्चिम का तिसरा सबसे बड़ा फंड सोवरन वेल्थ फंड है। पीआईएफ के पहले एडीआईए और कुवैत निवेश प्राधिकरण का नाम आता है।

पीआईएफ ने कोविड के दौरान भारत में इस कंपोनॉय में निवेश किया था

कोविड के दौर में रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के तीन साथी, रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म, रिलायंस रीटेल वेंचर्स और डिजिटल फाइबर इंफ्रास्ट्रक्चर मैं कुल 3.3 अरब डॉलर निवेश करके वैश्विक निवेश समुदाय को चौका दिया था। भारत में निवेश पर वेन आई वी सी ए के आई रिपोर्ट के अनुसार भारत में पीआईएफ के ग्लोबल प्राइवेट शेयर सोवरन क्वेल्थ फंड के निवेश में सबसे बड़ी निवेशक बन गई है, KKR FUNDS का भारत में तीन अरब डॉलर और सॉवरन वेल्थ फंड्स जैसे कि MOBDALA – ADC और JIC सभी का 2.1अरब डॉलर का निवेश है।

रिपोर्ट पर आधारित आंकड़े के अनुसार

इसके बावज़ूद पिछले दो सालो में पीआईएफ का निवेश कम हो गया है, और ये भारत में वास्विक पी ई निवेशको के टॉप10 लिस्ट में शामिल नहीं हुआ इसकी एक वजह भारत सालो में सऊदी अरब को लगे झटके भी हो सकते हैं, जैसे कि सऊदी तेल कम्पनियो अरामको का रिलेंस का 20% स्टैक 15 बिलियन डॉलर में खरीदने के लिए डील कैंसिल हुआ।

अरामको की रत्नागिरी रिफाइनरी परियोजनाओं में हिसा लेने की कोसिस भी विफ़ल राही, लेकिन एक बार फिर सऊदी भारत में निवेश के मौके की तलाश में है, रिपोर्ट बताती है कि पीआईएफ अडानी ग्रुप के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में निवेश के लिए बात कर रही है, या फिर वेदांत से भारतीय कारोबार में 10% हिस्सेदारी लेने की कोशिश में है। इतना ही नहीं पी आई एफ टाटामोटर्स के इलेक्ट्रिक विकल कंपनी में निवेश की चर्चा कर रहा है,
अब देखना होगा सऊदी अरब और भारत के इस डील से किस कंपनी और किस सेक्टर पर मेहरबान होती है।

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